वक्त के साथ आॅसू भले ही सूख जाए
पर अपनो को भूलाना आसान नहीं होता
चिता के साथ शरीर तो जल जाता है
पर वह अशरीर हमेशा पास रहता है
जिसके साथ जीवन के सुनहरे पल कांटे हो
लडे हो ,झगड़े हो
रूठे हो ,नाराज हुए हो
मानमनौवल किया हो
सुख दुख बांटे हो
हंसा और खिलखिलाया हो
उसकी नादानियो पर मुस्कराया हो
उसकी हर गलती माफ की हो
जम कर गुस्सा उतारा हो
थपेडे दिए हो
गले से लगाया हो
जी भर कर प्रेम लुटाया हो
अपना सर्वस्व लुटाया हो
पूरा अधिकार जताया हो
जिसके अलग होने की कल्पना से ही रूह कांप उठी हो
वह अपना अजीज जब छोड़कर जाता है
तब वह अपने साथ हमारा मन भी ले जाता है
हमें रिक्त कर जाता है
वह घाव दे जाता है
जो कभी नहीं भरता
मन के किसी कोने में छिपा रहता है
समय समय पर टीसता रहता है
यह दर्द हर कोई नहीं समझ सकता
वही समझ सकता है
जिसने अपने को खोया हो
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