हम न हिंदू है न मुसलमान
हमारा कोई जात और धर्म नहीं
हम मजदूर है
हम पर राजनीति न करों
इस समय एक ही धर्म है
वह है भूख
और भूखे को खाने के सिवा और कुछ नहीं सूझता
हमें तो जो दे
जो दया करें
पेट भरे
वह हमारे लिए भगवान
आज हमारी इस हालत के लिए कौन जिम्मेदार
किसकी जिम्मेदारी बनती है
सत्तर साल वालों की
वर्तमान सरकार की
हम तो छोटे लोग हैं सरकार
आप माई बाप
हमें बडी बडी बातें
यह डिबेट
यह सब समझ नहीं आता
हमारी जरूरत तो रोटी कपडा और मकान
रोटी और मकान का तो ठिकाना नहीं
कपड़े बचे हैं बदन पर
वह भी कब तक
हम तो ऐसे है
न यहाँ के न वहाँ के
धोबी का कुत्ता
न घर का न घाट का
वही हालत हमारी है
शहर से छत उठ गई
गाँव में भी हमारी कोठी नहीं है
हाँ रहने को मिल जाएंगा
हम तो मजदूर है
तभी तो मजबूर है
हम आप लोगों जैसे मजबूत नहीं
हम न हिंदू है न मुसलमान
हमारा कोई जात और धर्म नहीं
हम मजदूर है
हम पर राजनीति न करों
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