Friday, 5 June 2020

उसके लिए भी ताली बजा दो

वह गृहणी है
घर की स्वामिनी है
सबकी देखभाल उसकी जिम्मेदारी
घर का हर काम
साफ सफाई से लेकर हर एक की इच्छा पूर्ण करने की
अलग-अलग नाश्ते
अलग-अलग भोजन
सबकी फरमाइश भी अलगअलग
वह सब संभालती है
घर के हर सदस्य का ख्याल रखती है
बुजुर्ग हो या बच्चा
सब उस पर निर्भर
हर बात याद रखनी है उसे
हर हिसाब-किताब याद रखना है उसे
सदस्यो को जगाने से लेकर रात का बिस्तर बिछाने तक
दूध से लेकर दरवाजा बंद करने तक
सालोसाल यही चलता रहता
वह भी कमजोर होती है
उम्र ढलती है
बीमार पडती है
अब पहले जैसी नहीं रही
पर घर के सदस्यों को तो फर्क नहीं पड़ता
उन्हें तो अब भी वही नजर आती है
उसे कोई छुट्टी नहीं
बहुत ताली बजी
एक उसके लिए भी
जो दिन रात खटती है
तुम्हें खुशियों से भरती है
भोजन की थाली सजाती है
परोसती है
कभी उसकी भी थाली सजा दो
उसके लिए भी थाली बजा दो
ताली बजा दो

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