हमारे बच्चे हमारे ही है
किसी और के नहीं
फिर क्यों अचानक लगता है
अब यह बदल गये
बदलाव तो प्रकृति का नियम है
वह तो होना ही चाहिए
नहीं तो गति रूक जाएंगी
अभिभावक बदलना नहीं चाहते
उनकी सोच नहीं बदलती
उनको एकाधिकार चाहिए
जैसे पहले था
पहले वह आपकी बात सुनता था
अब आपकी बारी है
नए जमाने के साथ चलना है
सोच बदलनी है
उसका अपना जीवन है
वह हमेशा बच्चा नहीं रहेंगा
उसका निर्णय उसका है
पहले केवल आप थे
आज उसके साथ और लोग भी जुड़े हैं
हमने इतना किया
हमने उतना किया
आपने जो भी किया
अपनी खुशी के लिए किया
उसका प्रतिदान मत मांगिये
आपने तो जीवन निर्माण किया है
उसके एवज में कुछ चाहना
यह तो निरा स्वार्थ है
बीज आपने बोया है
वह अब हरा भरा पेड़ बन चुका है
उसे अपनी मर्जी से लहलहाने दें
फलने फूलने दें
विस्तार करने दें
बाड लगाकर उसका विकास मत रोके
उसे कांटे छांटे मत
चुपचाप उसकी छांव में बैठे
आनंद ले
खुश हो देखकर
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