यह नास्तिक है
ईश्वर को नहीं मानता
वह आस्तिक है
दिन रात ईश्वर की उपासना में मग्न
व्यक्ति को इसी हिसाब से ऑका जाता है
भगवान सब देख रहा है
सही है भाई
वह सर्वशक्तिमान है
उसकी दृष्टि से कोई बच नहीं सकता
कर्मफल तो भोगना ही है
लाख उपासना कर लो
भजन कर लो
मालाफूल चढा लो
दान बाॅटो
फिर भी हिसाब तो होगा ही
आज नहीं अगले जन्म में
ईश्वर की सत्ता तो है
नास्तिक भी हो तो क्या ?
प्रकृति को तो नकारा नहीं जा सकता
यह तो प्रमाण है
कोई शक्ति है जो संचालन करती है
भाग्य , ज्योतिष , राशि
सब इसके ही भाग है
कल से तो सब अंजान
कल क्या पल में क्या हो
यह भी तो किसी को नहीं पता
तब यह सब चक्कर छोड़
वास्तविक बनने की कोशिश करें
जो सत्य है वह है
जैसे हैं वैसे हैं
स्वीकार करें
अपनी खामियों को
अपनी गलतियों को
जो हुआ सो हुआ
अब वास्तव के धरातल पर उतर आए
जितनी जल्दी हो सके उतना ही अच्छा
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