आज का दिन
सबसे खास दिन
इस दिन माँ भगवती की कृपा बरसी थी
मेरी गोद भर गई थी
मैं माॅ बन गई थी
लगा था सारे संसार की खुशी मिल गई थी
वह मेरी गोद में समा गई थी
मैं आनंद से फूला नहीं समा रही थी
एकटक निहार रही थी
सारी प्रसव पीड़ा को भूल गई थी
नए-नए सपने संजो रही थी
उन अधभिची ऑखों में अपना भविष्य देख रही थी
छोटे छोटे नन्हे नन्हे हाथों को हाथ में लेकर सहला रही थी
ऑचल से ढक रही थी
ताकि किसी की नजर न लगे
आज वह बडी हो गई है
तब भी मुझे उसमें वही छोटी सी गुडिया नजर आती है
कभी लगता है
मैं उसे संभाल रही हूं
कभी लगता है
वह मुझे संभाल रही है
अब सत्य क्या है यह तो नहीं पता
पर हम एक दूजे के संबल है
आधार है
उसके बिना सब बेमानी
उससे ही मेरा अस्तित्व
उससे ही मैं , मैं हूँ
उसके बिना तो मैं कुछ भी नहीं
मेरी बेटी मेरी शक्ति
आज क्या हर दिन है खास
जब हो तुम्हारा साथ
Happy birthday
My dear Daughter
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