कभी जमाना तुम्हारा था
आज जमाना हमारा है
तुम भी तो सदा से ऐसे नहीं थे
कभी तुम भी जवान होंगे
तुमने भी बहुत कुछ मौज मस्ती की होगी
दोस्तों के संग मटरगश्ती की होगी
पिता से छुपकर सिनेमा देखा होगा
कभी-कभी देर रात तक गायब रहे होंगे
तुमने भी नैन लडाए होंगे
प्यार की फुलझड़िया मन में फूटी होगी
घर में रहना बोझिल लगता होगा
किताबों में दिमाग खफाना रास नहीं आता होगा
बात बात पर गुस्सा आता होगा
माता-पिता की बात पसंद नहीं आती होगी
समझदारी की तो अपेक्षा ही नहीं
यह उम्र ही ऐसी होती है
सपने और ख्वाब देखे जाते हैं
जोश रहता है
विद्रोही स्वभाव रहता है
बिना कारण खिलखिलाना
हर बात को मजाक में उडाना
कपडे और जुल्फो को तवज्जों
अच्छा दिखने की चाह
सजना और संवारना
बेफिक्री का आलम
कभी तुम हमारी जगह
आज हम तुम्हारी जगह
यह तो हर काल की यही कहानी है
तभी तो इसका नाम जवानी है .
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