उम्मीद ही तो है
जो आज तक चला रही है
आस जगाए हुए है
आज नहीं तो कल
सब ठीक हो जाएगा
अपने भी दिन आएंगे
जिंदगी को जीना सीखा रही है
यह उम्मीद की किरण
बांध कर रखती है
कुछ करवाना चाहती है
इसका दामन पकड़ लिया
तब तो यह नैया पार लगा ही देगी
बंजर को भी उपजाऊ
पत्थर में भी फूल
चट्टान में भी झरने का स्रोत
यह निराश नहीं होने देती
अगर उम्मीद ही न बचें
तो जीने का रास्ता ही खत्म
जीवन डगर पर उम्मीद
यह हौसला देती है
कसकर पकड़ कर रखती है
निराशा के अंधेरे में प्रकाश
गम और उदासी में खुशी
जब सब खत्म हो
तब भी अगर उम्मीद है बाकी
तब जिंदगी कट जाएंगी सारी
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