अपनों को मत छोड़ो
उनकी गलतियाँ नजरअंदाज करों
अगर नाराज है आप उनसे किसी बात पर
उन नजारों और खुशहाल पलों को याद कर ले
अपनी नजर में भर लें
उनके साथ का समय
वह हंसना - खिलखिलाना
वह मान - मनौवल
वह रूठना - मनाना
वह खाना - खिलाना
वह अपनापन जताना
कमियां उनमें हैं तो आप में भी तो होगी
कमी एक ढूंढोगे तब हजार मिल जाएंगी
आप संपूर्णता को मत ढूंढिए
अपनेपन और प्यार को महसूस कीजिये
अपनों को सब माफ होता है
आप अपने हैं
तब आप दूर कैसे हो सकते हैं
जो अपना है वहाँ पराया कहाँ से
दूर जो हो गए
यानि आपके तो वे थे ही नहीं
न आप उनके
जो अपना है
वह जैसा भी है
अपना ही है
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