रात ढल रही है
नयी सुबह आने के लिए
पुरानी पीढ़ी रिटायर हो रही है
नयी पीढ़ी को आगे आने के लिए
मौका देना है
तब अधिकार छोड़ना है
परिवर्तन को स्वीकारना
नहीं तो क्लेश के सिवा कुछ नहीं
एक ही बैठा रहेगा कुंडली मारकर
सालोसाल अपना ही चलाएगा
तब दूसरे कैसे पनपेगे
उनकी योग्यता की पहचान कैसे होगी
अवसर मिलेगा तभी तो कुछ करेंगे
इतिहास में जिन लोगों का नाम दर्ज है
उन्हें वह अवसर मिला था
तब उन्होंने वह सब किया
अगर भारत गुलाम नहीं होता
तब मोहनदास करमचंद गाँधी महात्मा नहीं होते
राष्ट्रपिता की उपाधि नहीं मिली होती
परिवार हो या राजनीति
सत्ता या अधिकार
दूसरो को भी हस्तांतरित करना है
यह नहीं कि मरण पर्यंत
या जब तक जबरदस्ती बेदखल न किया जाए
अपमानित न किया जाए
समय रहते ही सचेत जाना है
सम्मान और इज्जत के साथ
जीवन गुजारना है
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