Wednesday, 2 December 2020

इंतजार , इंतजार ही रह जाता है

कब तक इंतजार करू
  ऐ जिंदगी
सुना है
एक समय ऐसा आता है
सब ठीक हो जाता है
सारे गम खत्म हो जाते हैं
दुख दर्द दूर हो जाते हैं
संघर्ष खत्म हो जाते हैं
जिम्मेदारियां पूरी हो जाती है
सुकून से जीने का समय आ जाता है

सच है या सपना है
कितनी वास्तविकता है
कितनी सच्चाई है इस बात में
ऐसा भी होता है क्या
यह भी प्रश्नचिन्ह है

कभी-कभी सारी जिंदगी
सब बोझ ढोते ढोते ही गुजरती है
कुछ के जीवन में ऐसा समय नहीं आता
वह इस सुकून लम्हे के लिए तरसते रहते हैं
अंतिम समय में भी जिंदगी ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर
देती है
जो सोचा भी न था
सपनों और कल्पनाओ के महल भरभरा कर टूट जाते हैं
ऊपर से सीधा नीचे धडाम से

कहते हैं न अंत भला तो सब भला
पर कभी-कभी यह अंत अंतहीन हो जाता है
उसका सिरा कभी खत्म ही नहीं होता
और बढते जाता है
इंतजार , इंतजार ही रह जाता है
जिंदगी ठेंगा दिखाती
एक दिन इस संसार से कूच कर जाती है

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