यह है हर मुंबईकर की जान
इसके बिना जीना दुश्वार
हमारे इर्द-गिर्द घूमती रहती है
दौड़ती - भागती रहती है
जनमानस में बसी है
सुबह हो या शाम
इसका आता है ख्याल
पकड़ना है जल्दी
भागम-भाग शुरू
एक बार अंदर फिर हो जाओ बेखबर
भजन हो या ताश
जन्मदिन हो या त्योहार
सब्जी साफ करनी हो या स्वेटर बुनना
नहीं तो सो जाओ
बैठे ही नहीं खडे भी लोग झपकते हैं
हंसी - ठट्ठा करते हैं
जिंदादिली हर दिल में
धक्का मुक्की तो आम बात
लोग आपको चढा भी देंगे
उतार भी देंगे
हमेशा चौकन्ना
पल भर में स्टेशन छूट सकता है
बच्चों का नौजवानो का
बूढो का महिलाओं का
अमीर गरीब सबका प्यारा
स्वस्त और मस्त
हर सवारी इसके सामने फीकी
यह है हमारी मुंबई लोकल
यह थमी तो मुंबई थम जाएँगी
आर्थिक राजधानी की लाइफ लाइन है यह
यह है मुंबई की पहचान
मुंबईकरों की जान
लोकल है तो सब है
लोकल शुरू हुई
सुनकर लगा कोई सौगात मिली
प्रतीक्षारत मुंबई वासियो की मन मुराद पूरी हुई
कोई बात नहीं
अभी टुकड़ों टुकड़ों में
बाद में फिर सबको लेकर अपनी रफ्तार में दौड़गी
हर मुंबईकर इसको पकड़ने के लिए दौड़ेगा
रफ्तार ही तो मुंबई की पहचान है
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