आ गए आम । अब तो हर रोज होगा इसका इस्तेमाल
कभी चटनी कभी लौंजी खट्टी- मीठी
कभी दाल में कभी कढी में
अभी कच्चा है कुछ दिन में पक जाएंगा
रहता है चार महीने
खट्टी - मीठी यादें छोड़ जाता है साल भर
तभी तो इसका इंतजार रहता है
आम आया कि चेहरा खिला
ऐसे ही फलों का राजा नहीं कहलाता यह ।
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