Tuesday, 4 May 2021

यह संकट भी जाएंगा

सब घर पर रहें
सुरक्षित रहें
हम सब एक - दूसरे से बंधे  हुए
कोई  किसी को खोना नहीं  चाहता
सांसों के डोर से  बंधे हैं
कठिन समय है
विचलित मन है
चिंतित  सब है
अपने लिए  अपनों  के  लिए
कब क्या हो यह तो निश्चित  नहीं  है
फिर भी आशा तो है
विश्वास  तो है
यह भी समय चला जाएगा
कुछ  भी  स्थायी नहीं  यहाँ
तब यह भी कैसे रहेगा
धीरज रखना है
हिम्मत  रखना है
सब्र से काम  रखना है
सेवा और दया की भावना रखना है
इंसानियत  को हार नहीं  माननी चाहिए
मन  से मन को दूर न करें
सहानुभूति  की भावना रखें
संकट  आया है मानव जाति  पर
वह भी जाएंगा
इसकी भी सुबह  तो होगी ही
अंधकार  हमेशा नहीं  रहता

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