मजदूर यानि कामगार
इसके बिना किसी का काम नहीं चलता
देश के निर्माण में मजदूरों का अहम् योगदान
देखा जाए तो फैक्ट्री या खेती या और कुछ
यह मालिक नहीं मजदूर चलाते हैं
देश के निर्माण में साझा योगदान
अगर मजदूर नहीं
तो सारे काम ठप्प
ये लोग देश की
समाज की शक्ति है
इनका श्रम और पसीना बहा है
तब जाकर अट्टालिकाए खडी हुई है
जिसमें हम और आप रहते हैं
इन्होंने दिन रात एक कर दिया है
तब जाकर सडकों का निर्माण
जिसमें हम और आप फर्राटेदार गाडी चलाते हैं
मार भी सबसे ज्यादा इन पर ही पडती है
आज लाकडाऊन में इनकी दयनीय अवस्था से सब अवगत है
वह जो छत निर्माण करता है
उसके सर पर छत नहीं
आज महाकवि निराला जी की प॔क्तियां याद आ रही है
वह तोड़ती पत्थर
देखा मैंने इलाहाबाद के पथ पर
मजदूर राष्ट्र की रीढ़ है
उनका सम्मान सभी से अपेक्षित है
Happy Labour day
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