Tuesday, 30 November 2021

ऐ खुदा रहम कर

देने को तो बहुत कुछ दिया है तूने ये खुदा
तब भी कुछ ऐसा है
जो अब तक मिला नहीं
कभी-कभी लगता है
यह हो जाता तो
लेकिन मैं खुदा तो हूँ नहीं
जब तक तेरी नियामत नहीं
तब तक कुछ हासिल नहीं
फिर भी मन में विश्वास है
एक आस है
कभी तो तू मुझ पर रहम करेंगा
मेरी झोली में खुशियाँ डाल देगा
बडी शिद्दत से इंतजार है
उस वक्त का
जब तू अपनी कृपा बरसाएगा
मेरी खाली झोली भर देगा
मेरे बच्चों पर खुशियाँ बरसाएगा
एक माँ इससे ज्यादा और क्या मांग सकती है
तू तो जानता है न
माँ की खुशी बच्चों की खुशी में होती है
वे फले - फूले , लहलहाए
उन्हें सारे जहान की खुशियाँ मिले
मेरा वंश बेल आगे बढे
जीवन में उन्नति करें
यही सब चाहती हूँ
अपने और अपने बच्चों के लिए

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