Friday, 12 November 2021

उठो सोने वालों

मुर्गा बोला कुकुडू कू
कौवा बोला कांव कांव
चिडियाँ बोली ची ची
बकरी बोली मे मे
सब बताने लगे हैं
बोल कर उठाने लगे हैं
सुबह हो गई
अब तो उठ जाओ सोने वाले
घडी का अलार्म मत देखो
सूरज की रोशनी देखो
जो छन छन कर परदे से अंदर आ रही
हवा को देखो जो सरसर कर आ रही है
प्रकृति जाग उठी है
वह इशारा कर रही है
उठो और काम पर लोग
सोने से कुछ हासिल नहीं
जागोगे तभी पाओगे
कर्म बिना कोई गति नहीं
फिर वह मनुष्य हो
पशु - पक्षी हो

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