चले गए जनरल रावत
देश को और हमें छोड़
यह देश तुम्हारे कार्यों को कभी नहीं भूलेगा
अपनी जीवनसंगिनी के साथ उस लोक में
जहाँ से वापस आना नामुमकिन
इस तरह से मृत्यु आएगी
दबे - छिपे और फिर विस्फोट करेंगी
यह तो तुमने क्या किसी ने न सोचा होगा
भारत माता का यह जाबांज सपूत
जो कहता था
गोली और बोली एक साथ नहीं
पहले गोली तुम्हारी तो उसके बाद हमारी भी चलेगी
शत्रु को ऐसे नहीं छोड़ा जा सकता
उसके नापाक कारनामों का सबक सिखाना ही होगा
और वह तुमने किया भी
मीडिया से भी क्यों छुपाना
घुस कर मारेगे
सब जगह डंका फैलाएगे
ताकि फिर किसी की हिम्मत न हो
सही भी है
कब तक शांति का राग अलापेगे
एक गाल पर थप्पड़ तो दूसरा सामने करेंगे
अब वह गोली का जवाब गोली से देने वाला नहीं रहा
अभी तो और जरूरत थी देश को
भारत माता की सेवा करने की
नियति ने विवश कर दिया
आज माता भी जार जार रो रही है
सब शोकाकुल हैं
देश के कर्णधार से लेकर सामान्य जन तक
यह क्षति अपूरणीय है
देश आपको हमेशा याद रखेंगा
अलविदा जनरल साहब ।
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
No comments:
Post a Comment