Sunday, 2 January 2022

तभी तो हर साल नया है

नया साल का जश्न
जोरदार स्वागत
ऐसे ही हर साल आता है
कुछ नई उम्मीद और आशा के साथ
पुराना बिदा होता है
कुछ लेते और कुछ देते जाता है
क्या पाया क्या खोया
इसका लेखा जोखा करता जाता है
यह हर साल होता है
कुछ यादें छोड़ जाता है
कुछ भूल जाती है
कुछ याद रह जाती है
उम्र गुजरती जाती है
साल दर साल गुजरते जाते हैं
हर साल हम भविष्य देखते हैं
इस साल क्या हासिल होगा
कैसा गुजरेंगा
इस आशा में कि जो गया सो गया
बीती ताहि बिसार दें
    आगे की सुधि लें
फिर खडे हो जाते हैं
सब झटक कर झटके से
एक ही रात में
नया चमत्कार
कुछ कर गुजरना
जबकि हम भी वहीं है
सूरज भी वहीं है
जैसे तब वैसे अब
सारा क्रियान्वयन वैसे ही
तब नया क्या ??
नई आशा
नई उम्मीद
नए सपने
जो जीवन जीने का सहारा है
प्रेरणा है
तभी तो हर साल नया है

No comments:

Post a Comment