शादी है जरूरी
शादी है तो सम्मान है
ऐसा सोचना
भारत की बात है
यही है मानसिकता
एक शादी का ठप्पा लग गया
मानो सब कुछ सही हो गया
जिंदगी भर रोते रहे
लडते - झगड़ते रहें
सामंजस्य बनाते रहें
त्याग करते रहें
अपनी जिंदगी छोड सबकी जिंदगी जीते रहें
तब जाकर वह सफल कहलाता है
एक बार शादी का लाइसेंस मिल गया
फिर जो चाहे मन मर्जी करो
कैसे भी कपडे पहनो
कहीं भी घूमने जाओ
किसी से भी बात करो
कितनी भी रात को आओ
कोई शक नहीं करेंगा
अविवाहित को
वह औरत हो या मर्द
अजीब दृष्टि से देखा जाता है
कहीं न कहीं कुछ गडबड है
वह सबसे बेचारा प्राणी
न शांति से जी सकता है
न रह सकता है
न अकेलेपन को इंजाय कर सकता है
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