वह दिन अब लद गए
जब हिंदी को चिंदी समझा जाता था
अब यह चिंदी अपना परचम फहरा रही है
हिंदी बोलना अब शर्म नहीं गर्व बन गया है
सर उठाकर चल रही है
विदेशों में भी अपनी पैठ बना रही है
सोशल मीडिया पर छा रही हैं
अब गूगल और फेसबुक भी इसके कायल
सबको अपना महत्व समझा रही है
इतना बडा जनाधार इसका
एक सौ तीस करोड़ की लोगों की जनभाषा
इसके बिना किसी का काम नहीं चलता
दिल में घर करना है तब यह है सबसे बडी जरूरत
नेता तो इसके कायल
अपनी बात सब तक पहुँचाना
आखिरी व्यक्ति तक
तब बिना हिंदी के कैसे संभव
बिजनेस का जमाना है
कारपोरेट जगत में भी इसका बोलबाला है
बैंक से लेकर माॅल तक
ग्राहकों तक पहुँचना है
तब तो इसे अपनाना है
सबको लेकर चलती
सबके साथ घुल-मिल जाती
हर भाषा है प्यारी
पर हिंदी हमारी सबसे न्यारी
अब हाय नहीं नमस्ते कहना
हिंदी को टा टा बाय बाय नहीं
अब गले लगाना है
विश्व पटल पर छा रही है
अपनी पहचान बना रही है
हिन्दुस्तान से परिचित करवा रही है
अब सब जगह झंडा गाड रही है
अब वह बेचारी नहीं
शक्तिशाली बन रही है
वह दिन लद गए
जब हिंदी को चिंदी समझा जाता था
सभी हिंदी बोलने और जानने वालों को शुभकामना
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