शब्दों के साथ चले
शब्द कब , कहाँ और कैसे
यह जान ले
बडा पावरफुल है
बडे बडे काम करा सकता है
बडा घातक भी है
बडे बडे युद्ध करा सकता है
दुश्मनी करा सकता है
वैसे तो यह हथियार नहीं है
पर बडे बडे हथियार भी इसके आमने मात खा जाते हैं
यह जब बाणो का चाबुक मारता है
तब वह यहाँ वहाँ नहीं
सीधे हदय में जाकर लगते हैं
शस्र- अस्त्र का घाव भर जाता है
इसका घाव आसानी से नहीं भरता
कितनी भी मलहम पट्टी कर लो
नस्तर बन चुभते रहते है
बार - बार हरे भरे हो जाते हैं
कमजोर होता है व्यक्ति
वह सन्यासी- महात्मा तो होता नहीं है
तब वह शब्दों के साथ ही विचरण करता है
सोता , उठता , बैठता है
रात हो या दिन
वह मुक्त नहीं हो पाता है
शब्द की महिमा समझ लो
शब्दों के साथ चलें
तब ही भलाई है
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