Wednesday, 28 December 2022

माँ- बाप और बच्चे

माँ  - बाप बच्चों से अपनी तकलीफ छुपाते हैं 
उनके सामने कमजोर नहीं पडना चाहते
सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है
अपनी भूख मारकर अपने हिस्से की रोटी बच्चों को दे देती है
पिता भी दिन भर काम करते हैं तब भी घर मुस्कराते हुए आते हैं 
रिक्शा न लेकर पैदल आते हैं और हाथ में बच्चों के लिए खाऊँ रहता है
खुद बडा - पाव और कटिंग चाय पी लेंगे 
बच्चों को पिज्जा- बर्गर और पेप्सी पिलाएगे 
पर क्या यह केवल माँ- बाप ही करते हैं 
बच्चे भी करते हैं 
वे भी समझदार हो जाते हैं 
जिद करना छोड़ देते हैं 
बाहर जब जाते हैं तब कैसै - बैसे गुजारा करते हैं 
अपनी परेशानी नहीं बताते
फोन पर बताते हैं सब अच्छा है
किसी बात की कमी नहीं है
पैसा नहीं चाहिए काम चल जाएगा 
उन्हें पता है माता - पिता के कष्टों का
उनके योगदान का

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