तारीख बदलती है
साल बदलता है
यह एक बार नहीं
हर तीन सौ पैंसठ दिन के बाद
फिर नया दिन
फिर नयी रात
सूरज भी वही
चंद्र भी वही
बस समय बदलता है
पल बदलता है
हमारी उम्र एक वर्ष आगे बढती है
ऐसे ही बरस दर बरस गुजरते जाते हैं
मन में भावनाओं का सैलाब उमड़ता रहता है
उम्मीद का दामन पकड़ कर रखते हैं
आशा और विश्वास रहता है
हर साल का स्वागत करते हैं
शायद इस बार और अच्छा हो
खुशियों की सौगात मिले
ईश्वर की कृपा बरसे
यह सोच आगे बढते रहते हैं
आने वाला कुछ लेकर आएगा
जानेवाला कुछ देकर जाएंगा
यह चलता रहता है
जिंदगी भी आगे बढती रहती है
कुछ नया कुछ पुराना
कुछ कडवा कुछ मीठा
कुछ खुशी कुछ गम
कभी हंसी कभी रूदन
कभी आशा कभी निराशा
कभी उदासी कभी मुस्कान
कभी सफलता कभी असफलता
कभी ऊंचाई कभी नीचाई
कभी उन्नति कभी अवनति
इन सबके बीच समय चक्र की अपनी गति
न किसी के लिए ठहरता न रूकता
बस अपनी गति से चलता जाता
हर साल आगे बढ पिछले साल को अलविदा कहता जाता
संदेश देता जाता
मैं आगे बढ गया हूँ
तुम भी आगे बढो
भूली - बिसरी यादों से बाहर निकलो
नव वर्ष का स्वागत करों।
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