चलेंगे तब ही तो गिरेगे
बैठ रहने से तो क्या ही मजा
यह तो है सबसे बड़ी सजा
चलना तो है ही
तब गिरना - पड़ना भी तय
पड़ाव पर पहुंचना है
मुश्किल भरा रास्ता है
गड्ढों और खाइयों से भरा हुआ
मार्ग में चट्टान भी रोड़े बनकर खड़े हुए
हम भी है मजबूत मिट्टी के बने
गिरते-गिरते संभलेगे
हर बाधा को पार करेंगे
लक्ष्य हासिल करके ही रहेंगे
अर्जुन की तरह मछली की ऑख को भेदेगे
बस बहुत हुई बातें
चलो शुरू करते हैं चलना
ठोकरों का भी करना है सामना
कुछ भी हो नहीं है रूकना
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