Tuesday, 11 February 2025

अधिकार किसे ??

मैं आस में खड़ा था 
कोई तो होगा अपना
मुश्किल घड़ी में साथ देगा 
बीच भंवर में डूबने से बचाएगा 
यहाँ तो अलग ही मंजर था
लोग डूबने की प्रतीक्षा में थे
किसी तरह मैं हिम्मत जुटा अपने को बचाया
जीवन नैया किनारे पर लगाई 
आज संभल गया हूं
अब लोग मेरी तरफ देख रहे हैं 
हालात का जायजा ले रहे हैं
नजरिए में फर्क आ गया है 
लेकिन मैंने किनारा कर लिया है 
जो लोग मुझे डूबते देख बचाने नहीं आए 
आज किनारे पर आया हूँ 
तब भी अपना हाल पूछने का अधिकार नहीं दूंगा 
चाहे वह कितने भी अपने हो 

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