Wednesday, 19 February 2025

हम - तुम खुश रहे

उसने , उससे कहा 
मैं तुम्हारें लिए जान भी दे सकता हूँ 
जान देने की नहीं जिंदा रहना है मेरे लिए 
आकाश से चांद- तारें तोड़कर ला सकता हूँ 
नहीं उसकी जरूरत नहीं
राशन - पानी , सब्जी- दूध ले आओ
दुनिया से लड़ सकता हूँ 
दुनिया से  लड़ो नहीं बचाव करों
राह में फूल बिछा दूंगा 
राह में हाथ पकड़कर साथ- साथ चलो
तुम्हें अपने सर पर बैठाकर रखूंगा 
सर पर नहीं घर में बैठाकर रखो
तुम्हें महारानी बनाकर रखूगा 
महारानी नहीं संगिनी बनाकर रखो 
पलकों पर बिठाउंगा
दिल में बिठाकर रखो
तुम्हारे लिए सब कुछ छोड़ दूंगा 
छोड़ना नहीं जोड़ना है 
त्यागना नहीं अपनाना है 
सात जन्मों का वादा मत करो
किसने देखा है 
इसी जनम में साथ निभाओ 
सारे जहां की खुशियां तुम्हारे  कदमों में
जहां की खुशियां नहीं
बस हम - तुम खुश रहे 


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