Sunday, 17 August 2025

ऐ मेरे हमसफर

सुबह हो या संध्या 
हमेशा हाथ थामे रखना पिया 
तुमसे ही जीवन की डोर बंधी 
तुमसे ही आस है 
लगता हर वक्त तुम मेरे साथ हो 
तुम साथ हो तो जहां का क्या 
जहाँ तुम वहीं मेरा जहां 
ऐसे ही बंधा रहे 
यह रिश्ता बना रहे 
हम - तुम साथ- साथ चलते रहे
जीवन गीत गाते रहे 
सफर कटता जाएगा 
हर मुश्किल हल होगी 
जीत हमारी होगी 
हाथ मत छोड़कर जाना कहीं
ऐ मेरे हमसफर 

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