इसको नकारा नहीं जा सकता
एक समय आता है
मृत्यु की कामना की जाती है
और वह आती नहीं
प्रार्थना की जाती है
अमर होना कोई नहीं चाहता
प्रकृति के विरोध में जाकर कोई मतलब नहीं
इतिहास भरा पड़ा है
ऐसे उदाहरण से
भीष्म को भी इच्छा से मृत्यु स्वीकार करना पड़ा
सबसे बड़ी विडंबना यह है
यह कभी भी आती है
असमय समय आकर जीवन उद्धवस्त कर डालती है
जिस घर से जवान जाता है
उस घर की सारी खुशियां चली जाती है
जाने वाला ताउम्र दुख दे जाता है
उस घाव को भरने में सालों लग जाते हैं
कभी-कभार तो जीवन के साथ ही
यह बड़ी कठोर होती है
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