सबका ख्याल रखता रहा
उसका क्या सिला मिला
टूटता रहा बिखरता रहा
दूसरों को समेटता रहा
दिल को मजबूत करता रहा
अंदर भले उसके टुकड़े होते रहे
बाहर से सहेजता रहा
सबको एकजुट करता रहा
एक दिन अचानक जोर की आवाज आई
यहाँ- वहाँ देखा
कोई नहीं था
लगा अपने अंदर की आवाज थी
दिल चकनाचूर था
कहने लगा
अब मैं तुम्हारें साथ नहीं रह सकता
दूसरों के संभालने के चक्कर में मुझे भूल गए
मैं हकबका गया
कहने लगा
मत जाओ
अब बस तुम्हारा ही ख्याल रखूंगा
दुनिया जाएं भाड़ में
जब दिल सलामत तो सब सलामत
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