शिक्षा हमें सभ्य बनाती है और विनम्रता हमें इंसान
जब हम किसी के समक्ष झुकते हैं
तब हम अपने पूरे अंहकार को ताक पर रख देते हैं
झुकना मतलब हमारी कमजोरी नहीं
बल्कि हमारी ताकत है
प्रेम से वश में करने की ताकत
जब झुके तभी सीखे
गुरू हो या माता- पिता
मालिक हो या बूढे- बुजुर्ग
रिश्तेदार हो या दोस्त
अपने सामने मतमस्तक हुए देख किसका दिल खुश नहीं होगा??
किसके हदय से आशिर्वाद नहीं निकलेगे??
मन का मैल जरूर दूर हो जाएगा
मन गदगद हो जाएगा
बढता वही है जो झुकता है
ऑधी- तूफान में बडे पेड ढह जाते हैं
पर छोटे नहीं
क्योंकि वह तन कर नहीं खडे होते
संसार तो नश्वर है
यहॉ तो बडे- बडे धराशायी हो गए
तो हमारी और तुम्हारी क्या बिसात
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Wednesday, 14 June 2017
विनम्रता
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