आज की सुबह कुछ खास है
नयी नयी आस है
बदला बदला मौसम का मिजाज है
फिजा में है नमी
कुछ ठंड की गर्मी
सब अपने शबाब पर
रही न कहीं कोई कमी
कोई झूम रहा
कोई गा रहा
कोई चहचहा रहा
कोई उडान भर रहा
कोई नया जीवन में प्रवेश कर रहा
यह है प्रकृति
इसके हर दिन यही नजारे
खो गए थे कहीं
आज फुरसत मिली जी भर देखने की
सब कुछ तो वही है
खास कुछ भी नहीं है
हाँ अपना मिजाज बदला बदला सा है
नजरिया बदला है
तभी आज सब हरा - भरा
मन भी उत्फुल्ल
तन भी उत्फुल्ल
जब भा जाए प्रकृति का संग
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Sunday, 3 January 2021
जब भा जाए प्रकृति का संग
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