तुमने नाच नचाया
जैसा चाहा वैसा
तुमने इंतजार करवाया
जितना वक्त चाहिए था उससे ज्यादा लिया
हम इंतजार करते रहें
नाचते रहें
उसका क्या सिला मिला
तुमने जो कुछ दिया तो उसके एवज में बहुत कुछ लिया
ऐसे ही सब बीत गया
हमारा खाली हाथ रीता ही रह गया
अब भी तुम्हारा वही हाल
क्या दुश्मनी है हमसे
जो तुम चुन चुनकर बदला ले रही हो
माना गलती की है
कब तक उस गलती की सजा दोगी
कब मुझ पर मेहरबान होंगी
अब भी आस है
वह तब तक जब तक सांस है
तब रहम कर ऐ जिंदगी
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Friday, 24 December 2021
ऐ जिंदगी
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