आज संविधान दिवस है हमारा अपना संविधान
अंग्रेज की गुलामी से मुक्ति के बाद हमारा अपना कानून
डॉ भीमराव आंबेडकर ने भारत की गरीबी और जात पॉत को नजदीकी से देखा था
वे खुद मुक्तभोगी थे
समता स्वतंत्रता और बंधुत्व संविधान का मुख्य ध्येय है
क्योंकि भारत को सबसे ज्यादा जाति और धर्म ने मारा है
हर व्यक्ति को शिक्षा भोजन का अधिकार मिलना चाहिए
अमीर गरीब का भेद न रहें
आज बदलाव और विकास तो हुआ है
पर इसके साथ साथ नए सिरे से सोचने की भी जरूरत है
जो कभी हाल पिछडी कही जाने वाली जातियों का हो रहा था आज वही हालत अगडी जातियों का हो रहा है
उनके बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय हो रहा है
अब तो जमींदारी प्रथा तो नहीं रही न वह दबदबा रहा
कुछ तो उनके लिए भी सोचा जाए
इस समय तो परिस्थिति बदल गई है
बाबा साहब के समय का अलग था
विकास तो सबको साथ लेकर ही होगा
अब तो कुछ नये सिरे से सोच कर बदलाव करना चाहिए
वोट बैंक की पालिसी करने से कुछ को फायदा तो कुछ नुकसान भी है
सबका साथ सबका विकास के साथ रहना चाहिए
यदि अगडो की संख्या कम है तो क्या उनके बारे में नहीं सोचना चाहिए
पर कोई भी यह जोखिम नहीं उठाना चाहता
अगर कोई मोहन भागवत जैसा अपनी बात कहता है तो बवाल मच जाता है
पर अगर एक बार फिर विचार किया जाय तो शायद अच्छा होगा
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