मेरी बेटी का नाम ज्योति सिंह है और यह बताने में मुझे कोई शर्म नहीं है बल्कि दुख है
यह कहना है एक मॉ का जिसकी बेटी इन हैवानों का शिकार बन गई
क्यों ज्योति का नाम छिपाया गया और निर्भया नाम दिया गया
क्यों छिपाया जाता है इसलिए कि लडकी और घरवालों की बदनामी होगी
लोग मन मसोसकर रह जाते हैं और अपराधियों को शह मिलती है
हर रोज ऐसे कांड हो रहे है पर कितने पुलिस के पास और प्रकाश में आते हैं
डर लगता है कि बदनामी तो होगी ही भविष्य भी चौपट होगा
कौन शादी करेंगा
यह प्रश्नचिन्ह है माता पिता के सामने
लडकी को ही दोषी ठहराया जाता है
इतनी रात को घर से क्यों निकली
ऐसे कपडे क्यों पहने इत्यादि
अगर ससुराल से पीडित हो लडकी घर आती है तो लोग पूछ पूछकर परेशान कर डालते हैं
कब हमारे लोगों की मानसिकता बदलेगी
पीडित को ही दोषी कब तक माना जाएगा
न जाने कितने घरों में ऐसी निर्भयाएँ होगी
जिनका लोकलाज के डर से मुँह बंद कर दिया जाता है
और अपराधी सीना तान कर घूमते रहते हैं
दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए
नाबालिग अपराध करते हुए नहीं था क्या.
अगर नाबालिग समझ कर अपराधी को छोड दिया जाता है तो मुमकिन है भविष्य में वह ऐसे और घिनौने अपराध करेगा
कानून में भी ऐसे जघन्य अपराधियों के लिए नया कानून बनाना चाहिए
लेकिन इनको किसी भी हालात में छोडना नहीं चाहिए
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
No comments:
Post a Comment