२१दिसम्बर गीता जयंती जहॉ कुरूक्षेत्र के रण में अर्जुन को कर्म का महत्तव समझाया था
२४दिसम्बर ईद ए मिलाद पैगम्बर मुहम्मद
२५ दिसम्बर ईसा मसीह का आना
इन सभी ने पृथ्वी पर मानवता की रक्षा के लिए इस पृथ्वी पर अवतरण लिया था
सभी त्योहारों का महत्तव इंसानों में खुशी बॉटना है
सब एक दूसरे से मिलते हैं खुशियॉ बॉटते हैं
भाईचारे का संदेश देते हैं
हर धर्म शॉति और सद्भभाव के मार्ग पर चलने का संदेश देता है
हिन्दूओ के भगवान कृष्णा हो या मुस्लिम के पैगम्बर मोहम्मद हो या ईसा मसीह हो सबका उद्देश्य मानव कल्याण ही था
भगवतगीता ,कुरान और बाईबल का भी यही कहना है
फिर हम क्यों आपस में धर्म के नाम पर लडते और मरते कटते हैं
सबसे ज्यादा इंसानियत की हत्या हुई है तो वह धर्म के नाम पर ही
लगभग सारे त्योहार एक साथ ही आते हैं
अगर ईश्वर का भी यही संदेश है तो मनुष्य उसका पालन क्यों नहीं करता
हर धर्मवाले मिलजुलकर अपनी खुशी बॉटे और प्रेम तथा शॉति से रहे तो ऊपर वाला भी खुश होगा
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