कोई भी महान व्यक्ति का बडा या छोटे से छोटा कार्य प्रेरणा देनेवाला माना जाता है
रोमन कँथालिक चर्च के पोप फ्रांसिस ने मुस्लिम तथा दूसरे लोगों का पैर धोकर तथा चुंबन लेकर यह संदेश दिया कि सभी एक ही परम पिता की संतान है
यह और भी महत्तवपूर्ण हो जाता है जब पूरा संसार आंतकवाद से त्रस्त है
भारत के साथ-साथ विश्व भर में यह समस्या व्याप्त है
छोटी सी घटना को बडा रूप देकर धार्मिक उन्माद कायम कर दिया जाता है और लोग अपने फायदे की रोटियॉ सेकते हैं
आज पूरा विश्व विनाश के कगार पर बैठा हुआ है
हर धर्म शॉति और भाईचारे का संदेश देता है
लेकिन मानवीयता की सबसे ज्यादा हत्या धर्म के नाम पर ही होती है
ईतिहास गवाह है कि धर्म के नाम पर सबसे ज्यादा जाने गई है और जा रही है
किसी एक धर्म के लोगों को तो विश्व भर में संदेह की नजर से देखा जा रहा है जो उचित नहीं है
पोप की महत्ता और बढ जाती है क्योंकि उन्होंने यह कार्य उस समय किया ब्रसेल्स की घटना के बाद यूरोप में मुस्लिम विरोधी भावना बढ रही है
अगर पोप फ्रांसिस का अनुकरण और भी धर्म गुरू करें तो शॉति कायम रहेगी न कि विवादास्पद बयानबाजी करने से जो आजकल सामान्य हो गया है
विश्व में शॉति स्थापित करना हर किसी की जिम्मेदारी है न कि मानवता की हत्या करना
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