कौमार्य परिक्षण और वह भी आज के युग में
हम कौन- सी दुनियॉ में जी रहे हैं
महाराष्ट्र के एक गॉव में जहॉ शादी के पश्चात कौमार्य परीक्षण होता है
दूल्हा और दूल्हन को एक कमरे में बंद कर दिया जाता है तथा सारा गॉव बाहर खडा रहता है यह जानने के लिए कि लडकी कुवॉरी है या नहीं
अगर नहीं तो माल खोटा है कह कर शादी तोड दी जाती है
पिछले दिनों यह खबर अखबार की सुर्खियॉ बना क्योंकि नवब्याहता ने विरोध किया
क्यों नारी को ही अग्नि परीक्षा देनी पडती है
आज लडकियॉ खेल- कूद रही है
स्कूटर,बाईक चला रही है
अगर इस आधार पर निर्णय लिया गया तो लडकियों का रहना मुश्किल हो जाएगा
सती प्रथा और विधवा विवाह के पीछे भी यही कारण
नारी ही अपवित्र होती है ,पुरूष नहीं
पुराने फिल्मों में यह डायलॉग रहता था
वह अपवित्र हो चुकी है और बासी फूल देवता के चरणों में नहीं चढाए जाते
क्यों वह ईश्वर हो गया क्या????
बलात्कार की शिकार महिला का लोग जीना दूभर कर देते हैं
उसमें तो उसका कोई दोष नहीं होता पर उसका भविष्य खराब न हो इसलिए छिपाया जाता है
यहॉ तक कि तलाकशुदा महिला और अकेली महिला पर भी समाज आक्षेप लगाने से नहीं चूकता
और गर्भ में तो बेटी को मारना कोई नई बात नहीं है
फिर
विकास की बात करना तो आसान है पर समाज कब अपनी मानसिकता बदलेगा
यह प्रश्नचिन्ह है
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