मॉ- बेटा ,पिता - पुत्र का संबंध हमेशा सामने आता है
पर पिता- पुत्री का संबंध ??
बहुत प्यारा संबंध है यह
हर बेटी अपनी पिता की राजदुलारी होती है
वह संसार का हर सुख देना चाहता है
वह उसका मान- सम्मान होती है
बेटी का दुख पिता बरदाश्त नहीं कर सकता
बेटी के लिए वह किसी के सामने भी झुक सकता है
वह मजबूर भी उसी के का़रण हो जाता है
बचपन में जो पिता कंधे पर चढाकर उसको खिलाता है
वही अपनी राजकुमारी के लिए सब कुछ करने को तैयार रहता है
उसके ब्याह के लिए अपनी जमीन और घर तक बेच देता है और गिरवी रख देता है
पर बेटी को दूसरे घर जाना है यहॉ वह मजबूर हो जाता है
बेटी की खुशी चाहता है और कुछ नहीं
पुराने जमाने में तो बेटी के घर का पानी भी नहीं पीते थे
अपनी लाडली को दुखी देखकर एक बाप के दिल पर क्या बीत सकती है !?!?
दामाद की पूजा करता है और हमेशा अहसानमंद रहता है अगर उसकी बेटी को प्यार और सम्मान देने के लिए
कंड्व जैसे त्रृषि का शकुतंला और विदेह जनक का बेटी के साथ प्यार अनमोल है
आधुनिक युग में पंडित नेहरु का अपनी इंदिरा प्रियदर्शनी तो मिसाल बन गई
बेटी ,बेटों से बढकर है यह नेहरू की इकलौती बेटी ने दिखा दिया
पिता बेटी का भाग्य तो नहीं बन सकता
पर उसका प्यार जरूर असीम होता है
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