Saturday, 23 July 2016

गाली के विरोध में गाली - पुरूषों की लडाई में हमेशा निशाने पर औरत ही क्यों

संसद से सडक तक गालियॉ और अभद्र शब्दों का प्रयोग
गाली का बदला गाली
गलती किसी और की सजा घर की औरतों को
जुलूस निकाल कर उग्र भीड द्वारा नेता के घर के बाहर प्रर्दशन
मॉ ,और अबोध बेटी को गालियों से नवाजना
अभद्र शब्दों का प्रयोग
सुनने में भी घृणित ,शर्म से माथा झुक जाय
अगर किसी नेता ने गलत शब्द इस्तेमाल किया किसी दूसरी महिला नेता के लिए
पहली बात तो वह गलत था और उस नेता के खिलाफ कारवाई भी हुई
पर उसके पश्चात तो जो हुआ और भी गलत
समर्थक गाली - गलौज कर रहे हैं
यह कौन सा बदला या दंड है
पहले अनपढ लोग गालियों का प्रयोग करते थे
पर अब तो हर जगह चलन हो गया है
आदमी बौखलाया हुआ है
अगर कार या गाडी चलाते समय भी कुछ यहॉ - वहॉ हो जाय तो गालियॉ देना शुरू हो जाता है
और ऐसे शब्द कि कान को भी शर्म आ जाय
हमेशा महिलाओं को लक्ष्य कर गालियॉ
अब तो हमारे नेता भी यह करने लगे है
प्रजातंत्र के मंदिर में भी
प्राचीन काल से भी लडाई में औरतों की ही बलि दी जाती रही है
राज्य जीतने पर उपहार में वहीं भेजी जाती थी
आज युग बदला है पर बात वही
औरतें भी गाली देने में पीछे नहीं है
अगर घर से ही बच्चों को संस्कार दिया जाय तभी कुछ हो सकता है
बहन ,बेटी ,मॉ किसी की भी हो आदरणीय होनी चाहिए
जननी के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग यह बहुत बडा पाप है
हर व्यक्ति को यह सोचना और समझना चाहिए

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