नेताओ में आजकल एक नया शौक निखरकर आ रहा है वह है जुमला
सब एक से बढकर एक
हम किसी से कम नहीं
मॉ - बेटे की सरकार
सूट- बूट की सरकार
हर- हर मोदी
अरहर मोदी
ये तो दो बडे लोगों की बात हुई
दूसरे नेता तो कुछ न कुछ बोलकर विवाद खडा करते रहते हैं और सुर्खियों में छाये रहते हैं
वही खबरे दिन - रात चलती रहती है
काम को छोडकर तमाशा होता है
हर ,दूसरे को पटखनी देने को तैयार
पर यह काम में नहीं बात में
अाप तो इसमें सबसे माहिर
कुछ न कुछ तोहमत लगाते ही रहते हैं
बात किया जाता है या विज्ञापन दिया जाता है
जनता काम चाहती है
बोल बचन नहीं
नेता काम करें और दूसरों के प्रति कठोर शब्दों या अभद्र शब्दों का प्रयोग न कर काम करें
जातिगत और धर्मगत विद्वेष न फैला कर सौहाद्र कायम करें
नारियों के प्रति आदर रखना
यह सब उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है
ऐसा कुछ न करें कि संसद भवन में प्रवेश करते समय ऑखें भी न मिला सके
व्यक्तिगत आक्षेप से बचे और सब मिलकर जनता की भलाई के लिए काम करें
सबका साथ होगा तभी सबका विकास होगा
विपक्ष है शत्रु नहीं
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