Wednesday, 10 August 2016

ऊपर वाला असली बाजीगर

मत घबरा बन्दे ,कर ले वक्त का इंतजार
बहारे फिर भी आएगी ,खुशियॉ फिर भी छाएगी
सब कुछ है अस्थाई तो दुर्भाग्य क्यों रहेगा स्थाई
ईश्वर के है खेल निराले ,कब करवट ले वक्त
आज का दुर्भाग्य कल का सौभाग्य
कौन जाने उसकी मंशा को
किस हेतू किसका जन्म हुआ
बुद्धि न चले ,मनस्थिती बिगडने लगे
तब कर ले स्मरण उसका
सारे चैनल बंद हो जाय ,सब कुछ धुंधला जाय
तो छोड दे रिमोट उसके हाथ
वह चाहे तो सफलता कदमों को चूमेगी
हार ,जीत में तब्दील हो जाएगी
फर्श से अर्श पर पहुँच जाएगा.
भाग्य और भगवान के बीच है इंसान
कर्म करना तो हमारे हाथ में
पर कर्म का लेखाजोखा उसके हाथों में
कर्म और भाग्य में कौन बाजी मारेगा
यह तो जानता है बस ऊपर बैठा बाजीगर

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