चौदह सितम्बर ,हिन्दी दिवस
सरकारी आयोजन होगे ,घोषणाएं होगी ,सम्मेलन होगे
शपथ ली जाएगी ,हिन्दी में कार्य करना और बोलना
हिन्दी पखवाडा मनाया जाएगा और न जाने क्या - क्या?
अंग्रेजी आज हम पर हावी हो गई है
हिन्दी क्या सभी भारतीय भाषाओं की यह दुर्दशा
पाठशालाएं बंद हो रही है
हिन्दी सम्पर्क भाषा रह गई है लोगों के लिए
या तो अंग्रेजी नहीं आती या दूसरी भाषा नहीं आती
इसलिए मजबूरी है हिन्दी बोलना
अंग्रेजी आज की आवश्यकता पर उसका मतलब यह तो नहीं कि उसके बिना काम ही न चले
अपनी भाषा बोलने में हीनता और शर्म महसूस हो
आत्मसम्मान को गिरवी रख विकास के नाम पर अपनी भाषा और संस्कृति को लुप्त होने दे
भावी पीढी अंग्रेजी पढे - सीखे और आगे बढे
हर क्षेत्र में अपना परचम फहराए
अंग्रेजी को अपनाए पर साम्राज्ञी न बनाए
हमारे दिलो- दिमाग पर राज न करने दे
उसके बिना हमारा असतित्व ही नहीं
ऐसी धारणा तो बिल्कुल नहीं
कितना इसके मोहपाश में जकडे रहेगे हम
दुकान से लेकर भोजनालय तक
Good morning से शुरू हुआ दिन Good night
पर ही समाप्त
सोना- जागना ,उठना - बैठना ,खाना - पीना सब अंग्रेजी के साथ
नकल तो नकल ही होती है वह महानता के पथ पर तो नहीं पहुंचा सकती
अपनी जननी को बेघरबार कर किसी और का सम्मान
यह तो सरासर अन्याय
अंग्रेजी को मत छोडिए पर हिन्दी को तो याद रखिए
अंग्रेजों ने भारत तो छोडा पर अंग्रेजी को यही छोड गए
उनसे तो कुछ सीखिए
अपनी भाषा का सम्मान और विस्तार कीजिए
उसको बोलने में शर्म नहीं गर्व महसूस करे
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