बप्पा की बिदाई और माता रानी की बिदाई
हर गली - नुक्कड गुलजार
विघ्नहर्ता और शक्तिदायिनी अब अगले साल आएगे
क्या आम क्या खास ,सभी पर आशिर्वाद
बंगाल हो या महाराष्ट्र या फिर हो गुजरात
दशहरा पर रावणदहन भी
अधर्म पर धर्म की विजय
अन्याय पर न्याय की विजय
अंहकार का नाश
यह त्योहार हमारे जीवन का अभिन्न अंग
एकता और खुशियॉ
आपस में बॉटने के लिए
सब राग- द्वेष भूल कर मिलना
ज्ञान और बुद्धि का संदेश देते
माता- पिता का सम्मान
बेटियों को सम्मान
मूषक से लेकर शेर तक हर जीव का महत्तव
साल भर सब खुशहाल रहे
और अगले साल तक फिर इंतजार करे
त्योहार सिखाते हमें व्यवहार
आपस में होता मिलनसार
होती खुशियों की बौछार
जीवन में आ जाती बहार
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