बचपन में कहानी पढी थी गोकर्ण की जो मुनि के पास शिकायत करते हैं कि सब बच्चे मुझे चिढाते हैं तो गुरू का जवाब था
नाम में क्या रखा है तुम अपने काम से अपना नाम करो
यह तो हुई सतयुग की बात पर आज तो नाम पर सर्च की जाती है
किताबें है नाम की
वह जमाना गया जब लोग बच्चों का नाम
लालू ,बालू ,भिखारी और मटरू रख देते थे
और बच्चा जिंदगी भर शर्मशार रहता था या नाम को ढोता रहता था
पर आज अगर नाम पसन्द नहीं है तो लोग बदलवा देते हैं
ज्योतिष के अनुसार भी नाम बदल देते हैं सफलता प्राप्त करने के लिए
संजीव कुमार का नाम हरिभाई और दिलीप कुमार का नाम युसुफ था यह सर्वविदित है
पर आज भी पिछडे तबके के लोग कुछ भी रख देते हैं
कारण कि वे पढे- लिखे नहीं है
अभी हाल में टी वी पर म्युजिक शो के एक पारटिपिसेन्ट ने अपना नाम नेपाल. बताया तो लोग हँसने लगे
तब उसने बताया कि उसके बडे भाई का नाम शिवपाल था इसलिए उसका यह रखा
अभी एक बडे शख्श ने अपने बेटी का नाम. इंडिया
रखा कारण कि दंपति भारत और भारतीय संस्कृति से बहुत प्रभावित है
लालू जी ने अपनी बेटी का नाम मीसा कुमारी रखा क्योंकि वह उस समय जेल में बंद थे उस एक्ट के तहत
तो नाम का प्रभाव तो पडता ही है
कोई अपने बच्चों का नाम विलेन ,डाकू या खूंखार व्यक्ति के नाम पर नहीं रखता
आज भी लोग रावण,हिटलर ,कैकई ,मंथरा रखने से परहेज करते हैं
यहॉ तक कि प्राण साहब विलेन का रोल करते थे तो लोगों ने वह नाम रखना छोड दिया
इतना सुंदर नाम भी
और तो और ईश्वर के परम भक्त विभिषण का नाम भी कोई नहीं रखना चाहेगा
और मंसूर अली के नवाबजादे सैफ ने क्या सोचकर अपने बेटे का नाम. तैमूर. रखा
लोग उसको तिरस्कार से देखे
इतना जालिम डाकू और लूटेरा का नाम वह भी हिन्दूस्तान में
प्रजातंत्र है ,हर व्यक्ति को अपनी संतान का नाम रखने की आजादी है
पर नवाब पटौदी क्या सिद्ध करना चाहते हैं
क्या वह तैमूर लंग को महानता का दर्जा देना चाहते हैं
हिंदूस्तानियों का मजाक उडाना चाहते हैं
क्यो और कोई नाम उनके मजहब में उन्हें नहीं मिला???
यह विवादास्पद नाम रखकर वे क्यों बवाल खडा कर रहे हैं
पाकिस्तान की एक मिसाईल का नाम तैमूर है और यह जगजाहिर है कि उसका इस्तेमाल भारत के विरूद्ध करने के लिए ही है
तब सैफ क्या हिन्दूओं की भावना पर चोट करना चाहते हैं
जबकि उनकी बेगम स्वयं हिन्दू हैं और मॉ भी
नाम में कुछ नहीं रखा है पर जब दंगे होते हैं
तब नाम जरूर देखा जाता है
नाम बहुत कुछ मायने रखता है और बेगम पटौदी के अनुसार उनके मियॉ ने बहुत सोच- समझकर यह नाम रखा है
तो क्या यही आक्रमणकारी और लुटेरे का नाम उन्हें मिला????
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