स्वच्छ्ता का नारा गॉधी जी ने भी दिया था
सुलभ शौचालय पहले भी बने थे
बेटियों को पढाने पर पहले से ही जोर दिया जा रहा था
भूण्र हत्या की मनाही थी
परिवार नियोजन कार्यक्रम चल रहा था
विज्ञान औ तकनीकी क्षेत्र में तरक्की भी की
बम ,रॉकेट और पनडुब्बी बनाई
युद्ध भी लडे और दुश्मन को मात भी दी
आई टी में अपना परचम फहराया
हर दलित और पिछडो को सबके समान बनाने काप्रयास हुआ
सडके बनी ,रेलगाडी चली और हवाई जहाज उडे
वोट का अधिकार हर व्यक्ति को मिला
शिक्षा घर- घर तक पहुँची
औरते घर से बाहर निकली
आज हर क्षेत्र में अपना परचम फहरा रही है
बराबरी का हक मांग रही है
बहुत कुछ बदला है
आज हर हाथ में मोबाईल है
कार और घर अब सपना नही है
हर व्यक्ति अपने अधिकार से वाकिफ है
अब पुलिस और कानून हौआ नहीं है
औऱ यह सब हुआ है
उसको तो झुठलाया नहीं जा सकता
भ्रष्टाचार भी बढा साथ में
पर उसका जिम्मेदार कौन ,क्या केवल नेता???
गंदगी फैलाने वाले कौन ???
बलात्कार और अपराध को अंजाम देनेवाले कौन??
यह तो हममें से ही लोग है
व्यवस्था को दोष देना और अपना पल्ला झाड लेना
यह तो सरासर गलत है
बहुत कुछ पहले भी हुआ और बहुत कुछ आज भी हो रहा है
इंडिया बदल रहा है
तो हमारी भी सोच बदलनी होगी
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