आप नहीं हो पर आपकी यादें तो है
आपकी दी शिक्षा तो है
आपके दिए संस्कार तो है
वह सीधापन और छलरहित स्वभाव तो है
आपकी आदतें भी कुछ न कुछ सबमें समाई हुई तो है
मॉ तो मॉ है ही पर पिता भी मॉ से कम नहीं
पिता भी बच्चों की देखभाल उतने ही प्यार से करता है
उन पर हर वक्त अपना रौब नहीं झाडता
उनके दोस्तों का भी खुले दिल से स्वागत करना
बच्चों में भेदभाव नहीं करना
नए जमाने के साथ चलना
शिक्षा का मूल्य समझना
यह तो सब आपसे ही सीखा है
मॉ ने खाना बनाया
तो आपने बस्ता टांगकर स्कूल पहुंचाया
एडमिशन की लाईन में खडे हुए
घर की जिम्मेदारियॉ न महसूस होने दी
सब बाद में सबसे पहले मेरा परिवार
समाज की कोई परवाह नहीं
लालच से कोसो दूर
न लेना न देना मगन रहना
हर मुसीबत में साथ खडे रहना
अमीर- गरीब में फर्क न रखना
घमंड से कोसो दूर रहना
और सबसे बडी बात
पॉव हमेशा जमीन पर रहना
सादगी और ईमानदारी
ज्ञान और मेहनत
इन सबसे जीवन का निर्माण
यही है जीवन का आधार
न दिखावा और न ताम- झाम
ईश्वर में आस्था और गीता में विश्वास
इन सब मूल्यों से भर दिया हमारा स्वभाव
घन्य हुए हम पिता का प्रेम पाकर
कैसे माने आभार आपका ..
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