Tuesday, 5 December 2017

अलविदा शशि कपूर साहब

मेरे पास मॉ है - यह संवाद बोलने वाला वह खूबसूरत नवजवान अब हमारे बीच नहीं रहा
पृथ्वीराज कपूर के इस सबसे छोटे बेटे ने लीक से अलग हटकर अपना मुकाम हासिल किया
वह न तो राज कपूर थे और न शम्मी कपूर
वह तो प्रेम से भरे हुए हँसते - मुस्कराते चेहरे वाले शशिकपूर थे
हर तरह का किरदार निभाने वाला और किसी भी नायक के साथ काम कर लेना
कहीं भी अपने अहम को आडे आने न देना  
इस कारण ही वे फिल्म इंडस्ट्री पर लंबे समय तक राज करते रहे
वहीदा रहमान हो या जीनत अमान तक की हर नायिकाओं के साथ काम किया
विदेशी लडकी जेनिफर से विवाह
पृथ्वी थियेटर की स्थापना
हिन्दी के साथ अंग्रेजी सिनेमा में भी काम
यहॉ तक की कला फिल्मों के नायक के रूप में भी
जुनून , विजेता , उत्सव जैसी फिल्मों के निर्माता भी रहे
अपना एक अलग मुकाम हासिल किया
उस समय के दिग्गज कलाकारों के साथ प्रतिस्पर्धा छोडकर अपने अभिनय के बल पर स्वयं का स्थान कायम किया
आज भी शशि कपूर का नाम लेते ही एक चंचल , हँसते हुए चेहरे वाले नायक ही स्मरण हो आते हैं
अंतिम दिनों में उनको ह्वील चेयर पर बैठे और उम्रदराज देख मन कभी स्वीकार नहीं कर पाया
पिता पृथ्वीराज कपूर और राज तथा शम्मी जैसे भाई के बीच से अपनी पहचान बनाना यह कोई आसान नहीं उन्होंने अपनी तुलना भी किसी से नहीं की
दादासाहब फालके पुरस्कार से सम्मानित और हर जवां दिल पर राज करने वाला नायक नहीं रहा
परदेशियों से न अंखियॉ मिलाना
परदेशियों को है एक दिन जाना रे
       अब वे किसी दूसरी दूनियॉ में प्रस्थान कर गए हैं लाखो - करोडों दिलों पर राज कर

No comments:

Post a Comment