सिने जगत की चॉदनी श्रीदेवी ऐसा सदमा दे जाएगी
किसी ने कल्पना भी न की होगी
चुलबुली ,जीवंतता से भरपूर नायिका
अंग- अंग में शोख मस्ती भरी हुई
सारे आयाम और मिथक तोड नायिका की नई इमेज
अपने साथी कलाकारों से दो कदम आगे ही
अभिनय में उन पर भारी पडती
अपनी अलग पहचान बनाती
नायक ही नहीं नायिका को भी उतना ही तवज्जों
केवल पेडो के इर्द- गिर्द घूमने वाली नहीं
बल्कि अभिनय की महारथी
जाना तो सबको ही है
पर ऐसे , यह तो सही नहीं
फिल्म जगत का वह नगीना
अब तो वह दुर्लभ हो गई
उनका हर लम्हा याद दिलाता रहेगा
सोचेगे यह ख्वाबों की शहजादी कहॉ गई ??
५४ वर्ष में ५० वर्ष जिसने फिल्म इंडस्ट्री के नाम किया
वह इस शहजादी को कैसे भूलेगा
दर्शक भी तो देखता रह गया
हमारी चॉदनी आकाश में गुम हो गई
अब तो एक ही आखिरी रास्ता बचा है
उनको याद करना
खुदा गवाह है कि
कोई उनको भूल नहीं पाएगा
जब हाथों में नौ- नौ चूडिया खनकेगी
लहंगा लहराएगा या पाव की पाजेब खनकेगी
लम्हे की वह नायिका
भले ही न रही
पर लग रहा है अब भी कहीं आसपास ही है
हंसते हुए प्रकट हो जाएगी
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