स्वयंभू भगवान आखिर बलात्कारी सिद्ध
बहुत सारे लोगों की आस्था
लोगों का उन पर विश्वास
समाज सेवा. भी की है
लोगों को धर्म से जोड़ा
गुरूकुल भी चलाया
कन्हैया बन कर नाचते और लोगों को नचाते
पत्रिका भी निकलती
औषधि बताईं जाती
मातृ - पितृ पूजन दिवस मनाया
आज भी लोग उनके भक्त
भक्तों का उन पर विश्वास
काम मे अंधे हो गए
लोगों को रास्ता दिखाया
पर स्वयं.???
अकूत पैसा
विशाल साम्राज्य
सब धरे रह.गए
अब तो किसी पर विश्वास नहीं
अपने बच्चों को कौन इनके पास भेजेगा
ये तो सफेद कपडों
डाढी वाले आंतकवादी है
इनको तो मानवीयता का दूश्मन मानना चाहिए
नैतिकता की दूहाई देकर किसी की आबरू से खेलना
समाज को दिशा दिखाने की बजाय
उसकी आस्था का मजाक
सजा तो बनती है
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